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हिमालयी गिद्ध

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हिमालयी गिद्ध— (जिप्स हिमालयेंसिस) एसीपीट्रिडी परिवार से संबंधित है, जिसमें बुलबुल और बाज भी शामिल हैं। यह यूरोपियन ग्रिफॉन वल्चर जी फुलवस से संबंधित है। गिद्ध की यह एक विशिष्ट प्रजाति है। IUCN की रेड लिस्ट में ये संकटग्रस्त स्थिति के रूप में सूचीबद्ध है।

व्यस्क हिमालयी गिद्ध धौलाधर पर्वत शृंखला में देखा गया
हिमालयी गिद्धों का किशोर अवस्था में उड़ान

हिमालयी गिद्ध हल्के भूरे रंग के जिसका सिर सफेद, पंख काफी बड़े तथा इसकी पूँछ छोटी होती है। इसकी गर्दन पर सफेद पंख होते हैं तथा चोंच पीले रंग की होती है साथ ही इसके शरीर का रंग हल्का सफेद होता है तथा पंख गहरे (लगभग काले) रंग के होते हैं।

Himalayan griffons in Spiti

हिमालयी गिद्ध ज़्यादातर तिब्बती पठार[1] और हिमालय के १२००-५,५०० मीटर ३,९००-१८,००० फीट की ऊँचाई पर पाये जाते हैं। इसका प्रवास आमतौर पर (भारत, नेपाल और भूटान, मध्य चीन और मंगोलिया) के पहाड़ी भागों में होता है। यह मध्य एशियाई पहाड़ों (पश्चिम में कज़ाखस्तान और अफगानिस्तान से लेकर पूर्व में पश्चिमी चीन तथा मंगोलिया तक) में भी पाया जाता है कभी-कभी यह उत्तरी भारत में प्रवास करता है।

परिस्थितिक और व्यवहार

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आहार और प्रजनन

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ये प्रायः मांसाहारी होते हैं। मृत जानवरों की तलाश में इसका एक झुँड पहाड़ों पर चरने वालों जानवरों का पीछा करते हैं। और लाश जबतब सड़ ना जाये तब तक प्रतीक्षा करते हैं। हिमालयी गिद्ध अन्य पक्षीयों के मामले में आकार में बड़े होते हैं। इसलिए इनका आहार भी ज्यादा होता है ये पहाड़ी भेड़िए और कैनिस लुपस, स्नो लेपर्ड पैंथेरा उनसिया और एजिपियस मोनैचस जैसे पहाड़ी जानवरों का शिकार करते हुए पाये जाते हैं। इनके प्रजनन का मौसम जनवरी में शुरू होता है। पूर्वोत्तर भारत में इनके घोंसले १,२१५ और १,८२० मीटर (३,९८६ और ५,९७१ फीट) की ऊँचाई पे पाये जाते हैं, लेकिन तिब्बत के पठारी भागों में वे ४,२४५ मीटर (१३,९२७ फीट) के बराबर घोंसले बनाते हैं। ताकी बाहरी आक्रमण से अंडों की रक्षा की जा सके।

Himalayan griffon in Jalpaiguri, West Bengal
हिमालयी गिद्ध पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के क्षेत्र में
हिमालयी गिद्ध जलपाईगुड़ी आस-पास के क्षेत्रों में

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में मृत जानवरों के अवशेषों की कमी के कारण हिमालयन गिद्धों की आबादी में गिरावट देखने को मिली है।[2] नेपाल के कुछ हिस्सों में घोंसले पर बाह्य आक्रमण के कारण इनकी कमी देखी गई है।

सन्दर्भ

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  1. काटज़नर, टी.ई.; लाइ, सी.एच.; गार्डिनर, जे.डी.; फोगिन, जे.एम.; पियर्सन, डी. और स्मिथ, ए.टी. (2004)। "तिब्बती पठार, चीन पर लैमर्जियर जिपेटस बरबटस और हिमालयन ग्रिफॉन जिप्स हिमालयेन्सिस द्वारा आसन्न घोंसले"। फोर्कटेल। 20: 94–96।
  2. ग्रिज़िमेक, बी॰; श्लेजर॰, एन॰; ओलेंडोर्फ, डी। एंड मैकडेड, एमसी (2004)। ग्रिज़िमेक का पशु जीवन विश्वकोश। आवाज़। खंड 8: पक्षी। फार्मिंगटन हिल्स, मिशिगन : इंग्लैंड।